अमेरिका के माजी राष्ट्रध्यक्ष अब्राहम लिंकन जी की कुछ सच्ची घटनाएँ ...
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अब्राहम लिंकन |
सन १८६५ की बात है .. अमेरिका के राष्ट्रध्यक्ष अब्राहम लिंकन जी की हत्या हुवी थी इस वक़्त लेकिन हत्या हो जाने के बाद कुछ विशिष्ट परिस्थितियोमे लिंकन जी का भूत बहुत लोगो ने देखा है...
तो में आपको ले चलता हु सन १८८९ में.... उस वक़्त बेंजामिन हैरिसन अमेरिका के राष्ट्राध्यक्ष थे। ... एक बार उन्हें टेक्सास कुछ काम से जाना पड़ा तो उन्होंने अपने बॉडीगॉर्डस वक़्त को रेडी होने को बोले। .. तब वो अपनी रिवॉल्वर साफ़ कर रहे थे.... उनको ऐसा एहसास हुआ की दरवाजे पे कोई खड़ा है। .. जब उन्होंने देखना चाहा तो वो चीज दीवार में घुस गयी... और उस दिन से एक साल में कम से कम ४० बार उन्हें वो परछाई दिखी.... वो समज गए की उन्हें जो चीज दिख है वो और कोई नहीं बल्कि लिंकन साहब का भूत है....
उस बॉडीगॉर्ड का नाम जॉन केनी था। .. और वो कभी लिंकन साहब का बोडीगार्ड हुआ करता था। .. तो उनसे ऐसा सोचा की शायद लिंकन साहब को लग रहा है की उनकी मौत मेरी लापरवाही की वजह से हुवी है। ... और इसलिए वो मुझे बार बार दिखाई दे रहे है...
तो फिर जॉन केनी ने लिकन साहब गिडगिडाके माफ़ी मांगी... और उस दिन बाद लिंकन साहब का भूत उसे फिर नहीं दिखा। ......
लिंकन साहब का भूत शयनगृह में एक साल से था... उस वक़्त फ्रैंकलिन रूज़वेल्ट राट्राध्यक्षा थे .. उन्होंने उसी शयन गृह कि मांग की...और साफ़ करने का आदेश दिया तो दूसरे दिन ४ लोगो को वो शयनगृह साफ़ करने भेजा गया। . तो जैसे ही वो लोग अंदर गए उसके तुरंत बाद वो सब चिल्लाते चिल्लाते बाहइ र निकल आये और बोलने लगे की अंदर लिंकन साहब अपने शू का लेस बांधते नजर आये... वो अपने र्रूम में बैठे थे कला कोट पहना था और शू की लेस्स बांध रहे थे,,.. ये बात उन कर्मचारियोंने रूज़वेल्ट साहब को बताई तो ये सुन कर उन्हें आश्चर्य हुआ। .. उस दिन बाद वो रूम रूज़वेल्ट साहब ने हमेशा के लिए बंद कर दी और उस कमरे को हमेशा साफ़ रखने का आदेश दिया . और तो और उन्होंने खुद भी लिंकन साहब का पिसाच दिखने का जिक्र अपने इंटरव्यू में किया है.........
लिंकन साहब का पिसाच अप्रैल महीने में ज्यादा देखा गया है.. और उनकी हत्या भी उसी महीने में हुवी है... उसके बाद जब ब्रिटेन के राष्ट्राध्यक्ष विस्टन चर्चिल जब अमेरिका आये थे तब उनकी रहे की व्यवस्था लिंकन साहब के रूम के बाजुमें कियी गयी थी... तब उन्हें भी उनका दर्शन हुआ था...
सबसे महत्वपूर्ण बात ये है की जब अमेरिका ने १९४५ में जापान के हिरोशिमा और नागासाकी शहर पर अणुबॉम्ब डाला था तब रोज रात उनका पिसाच देखा गया और वो तब चिंता में देखे गए है.... ......
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