कोंकण का पहला भूत "चकवा"

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                                                          "चकवा"  



           नमस्कार दोस्तों... 

 आपने मेरा कल का पोस्ट तो जरूर पढ़ा होगा.... आज में आपको पिसाचो के पहले प्रकार के  बारेमे बताने जा रहा हु..         पिसाचो में पहले प्रकार है " चकवा " ....      क्या होता है ये चकवा ....?         उसका काम उसके नाम में ही छुपा है      चकवा का अर्थ मराठी में फ़साना होता है.. मतलब की दूसरे लोगोंको फ़साना...       इस पिसाच को पूरी तरह से निरुपद्रवी माना गया है..    जो भी लोग प्यार में धोका खाने से,लॉटरी सट्टे में हार जाने से मतलब ऐसा कोई धोका या फिर कोई भी अपनी पसंदीदा चीज चली जाने से ऐसी तीव्र वैफल्य में आकर अपना मानसिक संतुलन खो कर जिन व्यक्तोंका देहांत होता है तो उनको चकवा पिसाच योनि प्राप्त होने की संभावना होती है। ...   चकवा दूसरे लोगो को धोका देने का काम करता है। . क्योकि अपने जीते समय में उसने भी बाकि लोगो से धोका खाया हुआ रहता है...   ऐसा आजतक नहीं सुना गया है की चकवे की वजह से किसी व्यक्ति को बाधा हुई हो या वो व्यक्ति पीड़ित हो गया हो...  चकवे का वैशिष्ट्य ये है की उसका काम दिन में भी और रात में भी चलता है... चकवा इंसान के मन पर तत्काल कण्ट्रोल कर सकता है.... उसकी वजह से होता क्या है की इंसान को रास्ते,चीजे, अपने सामनेवाले इंसान भी नहीं दिखते.... औए इंसान एक ही जगह पे घूमता हुआ नजर आता है...मगर वो एक साथ ज्यादा मन को कण्ट्रोल नहीं कर सकता... इसलिए आप कभी जंगल जाओगे तो अकेले मत जाना। ...चकवे की जगह फिक्स रहती है.. और उसकी बाउंडरी भी फिक्स रहती है... वो आपके कभी पीछे पीछे नहीं आ सकता... जब आप उसके इलाके में पाव रखते है तब उसका अमल चालू होता है और जब आप वहासे निकलते है तो उसका अमल ख़तम हो जाता है....     ये पिसाच ज्यादा उपद्रवी नहीं होता......                                       check out my video on youtube.....
https://www.youtube.com/watch?v=e34YuoV3ZP0                                         
                                                   धन्यवाद 


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