हैलो मित्रों,
आज मै आपलको बताऊँगा की दुनिया में कई तरह के पिस्साच होते है. अंग्रेजी में मुझे उनको spirit guides बोला जाता है.सबसे पेहेली बात ये है की जो व्यक्ति मर जाता है वो पिसाच बनाने को पात्र नहीं होता है। .. इसलिए हमें सबसे पहले पिसाच शब्द का अर्थ समाज लेना चाहिए ..... पिसाच को हिंदी में प्रेतात्मा , भूत ऐसे कई नामोसे जाना जाता है। ...और उनके कार्य, स्वरुप , सामर्थ्य और हेतु इस अनुसार उनमे बहुत सारे प्रकार प्रचिलित है। इनका परमर्श हम आगे लेने वाले है। ......
"पिसाच" इस शब्द का अर्थ ' मृत उपद्रवी अतृप्त आत्मा ' ऐसा है। ...... इसका मतलब है की वो उपद्रवी भी है और अतृप्त भी है। .. इसका मतलब है की वो आपको परेशांन भी कर सकता है और आपके जरिये अपने मन की अतृप्त इच्छा पूर्ण कर सकता है। ......
तो पिसाच बनाने के लिए उपद्रवी स्वभाव और अतृप्त इच्छा होना जरुरी है। ..वास्तवकि देखा जाए तो बहुत सारे मृत हुए लोगोंकी कोई न कोई इच्छा अपूर्ण रहे जाती है। ... मगर इसका मतलब ये नहीं की सब लोग पिसाच बन जायेंगे। .... क्योकि जो अतृप्ति है वो बहुत ही तीव्र स्वरुप की होनी चाहिए। .......
किसी प्रकार का बदला अपुरा रहे जाना या किसी प्रकार का व्यसन अपुरा रहे जाना। . इससे जो तीव्र इच्छा बन सकती है। . वो इच्छा कोई सामाजिक कार्य बाकि रहने से नहीं बन सकती। .....
तो इसका मतलब है की सत्कार्य की भावना मन में हो तो पिशाचत्व प्राप्त नहीं होता'...... उसके लिए दुष्कर्म की इच्छा होना जरुरी है.........
तो अगले ब्लॉग में आपको पिसाच के नाम बताने वाला हु। ......
धन्यवाद। ...
आज मै आपलको बताऊँगा की दुनिया में कई तरह के पिस्साच होते है. अंग्रेजी में मुझे उनको spirit guides बोला जाता है.सबसे पेहेली बात ये है की जो व्यक्ति मर जाता है वो पिसाच बनाने को पात्र नहीं होता है। .. इसलिए हमें सबसे पहले पिसाच शब्द का अर्थ समाज लेना चाहिए ..... पिसाच को हिंदी में प्रेतात्मा , भूत ऐसे कई नामोसे जाना जाता है। ...और उनके कार्य, स्वरुप , सामर्थ्य और हेतु इस अनुसार उनमे बहुत सारे प्रकार प्रचिलित है। इनका परमर्श हम आगे लेने वाले है। ......
"पिसाच" इस शब्द का अर्थ ' मृत उपद्रवी अतृप्त आत्मा ' ऐसा है। ...... इसका मतलब है की वो उपद्रवी भी है और अतृप्त भी है। .. इसका मतलब है की वो आपको परेशांन भी कर सकता है और आपके जरिये अपने मन की अतृप्त इच्छा पूर्ण कर सकता है। ......
तो पिसाच बनाने के लिए उपद्रवी स्वभाव और अतृप्त इच्छा होना जरुरी है। ..वास्तवकि देखा जाए तो बहुत सारे मृत हुए लोगोंकी कोई न कोई इच्छा अपूर्ण रहे जाती है। ... मगर इसका मतलब ये नहीं की सब लोग पिसाच बन जायेंगे। .... क्योकि जो अतृप्ति है वो बहुत ही तीव्र स्वरुप की होनी चाहिए। .......
किसी प्रकार का बदला अपुरा रहे जाना या किसी प्रकार का व्यसन अपुरा रहे जाना। . इससे जो तीव्र इच्छा बन सकती है। . वो इच्छा कोई सामाजिक कार्य बाकि रहने से नहीं बन सकती। .....
तो इसका मतलब है की सत्कार्य की भावना मन में हो तो पिशाचत्व प्राप्त नहीं होता'...... उसके लिए दुष्कर्म की इच्छा होना जरुरी है.........
तो अगले ब्लॉग में आपको पिसाच के नाम बताने वाला हु। ......
No comments